गोरांग दत्त: हारती हुई जिंदगियों को बचाने वाला योद्धा
"जब उम्मीदें टूटती हैं और रास्ते बंद हो जाते हैं, तब कुछ लोग फरिश्ता बनकर सामने आते हैं। यह कहानी है गोरांग दत्त की, जिन्होंने अपनी दया और लगन से कई जिंदगियों को नया जीवन दिया।"
गोरांग दत्त: हारती हुई जिंदगियों को बचाने वाला योद्धा
सरायकेला खरसावाँ जिले के कुकड़ु प्रखंड में, पंचायत समिति सदस्य गोरांग दत्त ने कोरोना काल में अपने गाँव वालों की पीड़ा देखी। उन्होंने महसूस किया कि सच्ची सेवा का यही समय है। उन्होंने खुद को केवल एक प्रतिनिधि नहीं, बल्कि हर जरूरतमंद का सेवक बना लिया।
गोरांग दत्त ने गाँव की हर छोटी-बड़ी समस्या को अपना माना और उनका समाधान करने में जुट गए। उनका सबसे बड़ा मिशन गरीबों को गंभीर बीमारियों, जैसे कैंसर या दिल की बीमारी, में मदद करना था। जब भी कोई परिवार आयुष्मान कार्ड के बावजूद इलाज नहीं करा पाता, गोरांग दत्त व्यक्तिगत रूप से उनकी मदद करते।
उनकी निस्वार्थ सेवा सिर्फ झारखंड तक सीमित नहीं थी। बिहार, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल तक उनकी दयालुता की कहानियाँ पहुँचीं। गोरांग दत्त की कहानी हमें सिखाती है कि सच्ची ताकत पद में नहीं, बल्कि सेवा और compassion में होती है। वह अपने गाँव के लिए सिर्फ एक प्रतिनिधि नहीं, बल्कि एक सच्चे हीरो हैं, जो दूसरों के जीवन में उम्मीद की रोशनी जलाते हैं।
✍️ By ARTIST SOURAV PRAMANIK

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