FESTIVAL OF GORU KHUTA Watercolour painting by Sourav Pramanik Goru khuta festival painting कैसे होता है गोरू खुटा / बांदना पर्व ? बांदना पर्व झारखंड का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इसमें गोधन की पूजा की जाती है। पर्व के मौके पर तीन दिनों तक बैल एवं भैंसा को खिलाया-पिलाया जाता है। मवेशियों को नहला धुलाकर उसे विभिन्न रंगों से सजाया जाता है। सिंगों पर महुआ का तेल लगाया जाता है। बांदना के अंतिम दिन बूढ़ी बांधना को अड़ियल बैल एवं भैंसे को एक मजबूत खूंटा में मजबूत रस्सी से बांधा जाता है। उसे गाजे-बाजे के साथ क्रोधित किया जाता है। इस पर बैल व भैंसा खूंटा के चारों ओर क्रोधित होकर उछलने लगता है। झारखंड में प्रतिवर्ष रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ काड़ा-खूंटा उत्सव का आयोजन किया जाता है। इसे देखने स्थानीय एवं दूर दराज से काफी संख्या में दर्शक यहां पहुंचते हैं। यह कार्यक्रम कई घंटों तक बारी-बारी से बैल व भैंसा ...